
Indian Stock Market – भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ समय से दबाव में था। सितंबर 2024 में रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों में करीब 2.5% से ज्यादा की गिरावट आई। इस गिरावट ने खुदरा और मध्यम निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ा दी। लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारत के बाजार को लेकर एक सकारात्मक राय दी है। उनका कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे मजबूत हो रही है और आने वाले महीनों में बाजार में अच्छी रिकवरी देखने को मिल सकती है।
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक हाल की कमजोरी केवल अस्थायी थी। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण थे — आर्थिक विकास की गति में थोड़ी रुकावट, शेयरों के ऊँचे वैल्यूएशन और ग्लोबल मार्केट्स में AI-आधारित निवेश ट्रेंड से भारत का कुछ हद तक दूर रहना। साथ ही भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और वैश्विक रैली के दौरान भारत का कम बीटा नेचर भी इसकी वजह रहे।
विकास चक्र में फिर से तेजी के संकेत
मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि भारत एक नए ग्रोथ फेज में प्रवेश कर रहा है। इस संभावना को मजबूत करने वाले कुछ बड़े कारक ये हैं:
-
आरबीआई द्वारा रेपो रेट और सीआरआर में कटौती
-
बैंकिंग सेक्टर में ढील और सुधार
-
बाज़ार में नकदी की बढ़ती उपलब्धता (Liquidity)
-
सरकार द्वारा कैपेक्स खर्च को तेज़ गति से आगे बढ़ाना
-
लगभग ₹1.5 लाख करोड़ की GST कटौती, जो खासकर आम उपभोक्ता वस्तुओं पर केंद्रित है
इन नीतिगत कदमों से आम नागरिकों की खर्च करने की क्षमता बढ़ती है, जिससे घरेलू मांग और अर्थव्यवस्था दोनों को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ भारत-चीन संबंधों में नरमी और भारत-अमेरिका ट्रेड डील की संभावनाएं भी निवेशक भावना को बेहतर कर सकती हैं।
वैल्यूएशन अब और आकर्षक
पिछले एक साल में लगातार तेजी के कारण शेयरों के वैल्यूएशन काफी ऊंचे हो गए थे। लेकिन हाल की गिरावट ने बाजार को संतुलन की ओर वापस ला दिया है। यानी निवेशकों को अब बेहतर कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण कंपनियों में निवेश का मौका मिल रहा है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट कहती है कि भारत अब एक ऐसे दौर में प्रवेश कर सकता है जहां विकास की गति तेज होगी, अस्थिरता कम होगी और ब्याज दरें भी धीरे-धीरे कम हो सकती हैं। ऐसे माहौल में आमतौर पर शेयर बाजार को मजबूत सपोर्ट मिलता है और इक्विटी में रिटर्न बेहतर होते हैं।
सेंसेक्स 1 लाख तक पहुंच सकता है
मॉर्गन स्टेनली ने जून 2026 के लिए सेंसेक्स के तीन संभावित स्तर बताए हैं:
| स्थिति | लक्ष्य | क्या होगा |
|---|---|---|
| बेस केस (50% संभावना) | 89,000 | विकास स्थिर रहेगा और महंगाई नियंत्रण में रहेगी |
| बुल केस | 1,00,000 | घरेलू मांग और निर्यात में मजबूत बढ़ोतरी |
| बियर केस | 70,000 | यदि वैश्विक या घरेलू अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है |
यानी अगर आर्थिक नीतियाँ और सुधार सही दिशा में चलते रहे तो आने वाले डेढ़ से दो साल में सेंसेक्स 1 लाख के आंकड़े को छू सकता है।
निवेशकों के लिए रणनीति — किन सेक्टर्स में हों अवसर
मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि आने वाले समय में बाजार में डोमेस्टिक साइक्लिकल्स यानी घरेलू मांग आधारित सेक्टर्स अधिक मजबूत भूमिका निभाएंगे।
जहाँ निवेश बढ़ाया जा सकता है (Overweight):
-
Financials (बैंकिंग और एनबीएफसी कंपनियाँ)
-
Consumer Discretionary (ऑटो, लाइफस्टाइल, ड्यूरेबल्स)
-
Industrials (इंफ्रा, कैपिटल गुड्स, निर्माण)
जहाँ सतर्कता बरतनी चाहिए (Underweight):
-
Energy (तेल एवं गैस सेक्टर)
-
Materials (मेटल, सीमेंट उद्योग)
-
Utilities
-
Healthcare
यानि फोकस उन कंपनियों पर रखना होगा जो घरेलू खर्च और पूंजी निर्माण के बढ़ने से सीधे लाभान्वित होती हैं।
सामान्य निवेशकों के लिए सुझाव
-
बाजार को लंबी अवधि की नजर से देखें, तुरंत रिटर्न की उम्मीद न करें।
-
जब बाजार गिरता है, वही समय होता है क्वालिटी स्टॉक्स को अच्छे भाव पर खरीदने का।
-
हमेशा मजबूत बैलेंस शीट और अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।
-
जोखिम को कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें।



