
Diwali की खुशियों के बीच सांसों पर वार: COPD मरीजों के लिए सतर्कता जरूरी
हर साल Diwali की रौनक और रोशनी के साथ एक छिपा हुआ खतरा भी आता है — वायु प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ जाना। पटाखों का धुआं, जहरीली गैसें और सूक्ष्म कण हवा में मिलकर ऐसे लोगों के लिए परेशानी बढ़ा देते हैं जिन्हें Chronic Obstructive Pulmonary Disease (COPD) या अन्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हैं।
पटाखों का धुआं हवा में महीन कण (PM2.5) छोड़ता है जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर सूजन, खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है। यही नहीं, कई बार ये हालात अस्पताल में भर्ती तक करवा देते हैं।
“त्योहार से पहले तैयारी ही सबसे बड़ा इलाज है” — डॉक्टरों की सलाह
DPU सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉ. राहुल केंद्रे बताते हैं, “दिवाली के समय AQI तेजी से गिरता है जिससे सांस संबंधी मरीजों में लक्षण बढ़ जाते हैं। इसलिए मरीजों को त्योहार से पहले ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।”
विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के दौरान COPD मरीजों को सिर्फ दवाओं पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि प्रिवेंशन (रोकथाम) पर ध्यान देना चाहिए।
टेक्नो इंडिया डीएएमए हॉस्पिटल के डॉ. सैबल घोष सलाह देते हैं, “त्योहार से पहले डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें, ट्रीटमेंट प्लान दोबारा रिव्यू करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि सभी इन्हेलर (inhalers) और दवाएं समय पर उपलब्ध हों। बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें और इन्हेलर हमेशा साथ रखें।”
इसके अलावा घर में पल्स ऑक्सीमीटर रखें ताकि ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखी जा सके। डॉक्टर यह भी सलाह देते हैं कि फ्लू और निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण करा लें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
घर के अंदर रखें हवा को साफ़ और सेहतमंद
जयपुर के CK बिरला हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. हर्षिल अलवानी कहते हैं, “त्योहार के दौरान जब बाहर की हवा जहरीली हो जाती है, तो घर के अंदर का वातावरण साफ रखना जरूरी है। इसके लिए HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें और दरवाजे-खिड़कियां सील कर दें ताकि धुआं अंदर न घुसे।”
CMRI के डॉ. अरूप हलदर सुझाव देते हैं कि घर में एक क्लीन एयर रूम बना लें — जिसमें कम खिड़कियां हों और एयर प्यूरीफायर लगातार चले।
वो कहते हैं, “त्योहार के दिन सुबह जल्दी बाहर के काम निपटा लें, ज्यादा देर बाहर न रहें और दिनभर पानी पीते रहें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।”
डॉक्टरों का मानना है कि साँप पौधा (Snake Plant) और पीस लिली (Peace Lily) जैसे इनडोर पौधे हवा को स्वाभाविक रूप से साफ करने में मदद करते हैं।
Diwali के दिन रखें सबसे ज्यादा सावधानी
दिवाली की रात जब आसमान पटाखों की रोशनी से जगमगा रहा होता है, तभी हवा में सबसे ज्यादा धुआं और प्रदूषण फैलता है। COPD मरीजों के लिए यह समय सबसे जोखिम भरा होता है।
डॉ. घोष कहते हैं, “जिन्हें फेफड़ों की बीमारी है, उन्हें पटाखों के धुएं से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। कोशिश करें कि रात में घर के अंदर ही रहें और खिड़कियां बंद रखें।”
अगर किसी जरूरी कारण से बाहर जाना पड़े तो N95 या N99 मास्क पहनना बिल्कुल न भूलें। डॉ. केंद्रे कहते हैं, “मास्क को ठीक से लगाना जरूरी है ताकि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण अंदर न जा सकें।”
डॉक्टरों की राय में, इको-फ्रेंडली दीये और LED लाइट्स से त्योहार मनाना ज्यादा बेहतर और सुरक्षित है। “त्योहार को रोशनी और प्यार के साथ मनाएं, धुएं के साथ नहीं,” डॉ. घोष मुस्कराते हुए कहते हैं।
त्योहार के दौरान खानपान और हाइड्रेशन पर ध्यान दें
इस समय शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है क्योंकि पानी म्यूकस को पतला करता है जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। गर्म तरल पदार्थ, जैसे सूप या हर्बल चाय, सांस की नली को राहत देते हैं।
डॉ. केंद्रे सलाह देते हैं कि त्योहार के खाने में नमक और चीनी की मात्रा सीमित रखें, क्योंकि ये शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं।
अगर लक्षण बढ़ने लगें — जैसे लगातार खांसी, ज्यादा बलगम या सांस फूलना — तो तुरंत रैस्क्यू मेडिकेशन लें और डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से स्थिति बिगड़ने से रोकी जा सकती है।
दिवाली के बाद भी सतर्क रहें
अक्सर लोग मान लेते हैं कि दिवाली खत्म होते ही हवा साफ हो जाएगी, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि धुआं और प्रदूषण अगले कुछ दिन तक बना रहता है।
डॉ. केंद्रे बताते हैं, “पटाखों का धुआं हवा में कई घंटे या दिनों तक बना रह सकता है, इसलिए दवाएं और इन्हेलर यूज़ करते रहें। लक्षणों के कम होने पर भी दवा बंद न करें।”
जब AQI थोड़ा सुधर जाए, तभी खिड़कियां थोड़ी देर के लिए खोलें ताकि घर में ताज़ी हवा आ सके। डॉ. अलवानी कहते हैं, “प्रदूषण स्तर घटने के बाद घर की हवा को सर्कुलेट करना जरूरी है ताकि अंदर की गंध और कण बाहर निकल सकें।”
AQI ऐप्स पर रोज़ाना एयर क्वालिटी चेक करें और अगर हवा खराब है तो सुबह की वॉक टाल दें। डॉ. हलदर कहते हैं, “पर्याप्त पानी पीएं, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।”
निष्कर्ष: सावधानी और अनुशासन से सुरक्षित दिवाली
दिवाली खुशियों और रौशनी का त्योहार है, लेकिन COPD या अस्थमा जैसी फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय भी हो सकता है।
सही तैयारी, थोड़ी सावधानी और डॉक्टरों की सलाह मानकर आप इस त्योहार को सुरक्षित और सेहतमंद तरीके से मना सकते हैं।
जैसा कि डॉ. घोष कहते हैं —
“दीवाली को रोशनी और प्यार के साथ मनाइए, धुएं और प्रदूषण के साथ नहीं।”



