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महाभारत’ के कर्ण बने पंकज धीर नहीं रहे – कैंसर से लंबी जंग के बाद 68 की उम्र में कहा अलविदा

महाभारत के ‘कर्ण’ पंकज धीर नहीं रहे: 68 साल की उम्र में कैंसर से हार गए जीवन की लड़ाई

टीवी जगत और बॉलीवुड के लिए आज का दिन बेहद दुखद साबित हुआ है। मशहूर अभिनेता पंकज धीर, जिन्होंने बी.आर. चोपड़ा की कालजयी टीवी सीरीज़ ‘महाभारत’ में कर्ण का यादगार किरदार निभाया था, अब इस दुनिया में नहीं रहे। पंकज धीर ने आज सुबह अंतिम सांस ली। वे पिछले कई महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे और आखिरकार इस बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद 68 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

‘कर्ण’ का किरदार जिसने दिलों में जगह बना ली

1988 में प्रसारित हुई बी.आर. चोपड़ा की ‘महाभारत’ भारतीय टेलीविज़न इतिहास की सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली धारावाहिकों में से एक रही है। इसमें पंकज धीर द्वारा निभाया गया कर्ण का किरदार दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बस गया। उनकी गहरी आवाज़, तेज़ निगाहें और भावनाओं से भरा अभिनय आज भी लोगों की यादों में जिंदा है।

लोगों ने उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि न्यायप्रिय योद्धा कर्ण के रूप में देखा — जो अपनी वफादारी और आत्मसम्मान के लिए जाना जाता है। पंकज धीर का यह किरदार उनके अभिनय करियर की पहचान बन गया।

लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे पंकज धीर

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, पंकज धीर पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने इलाज के दौरान कई बार सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। हाल के महीनों में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि वे अंतिम दिनों में बेहद कमजोर हो चुके थे लेकिन फिर भी उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।

आज सुबह उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। परिवार ने पुष्टि की है कि उनका अंतिम संस्कार मुंबई में किया जाएगा, जहां फिल्म जगत के कई नामी चेहरे उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचेंगे।

परिवार और बॉलीवुड जगत में शोक की लहर

पंकज धीर के निधन की खबर सामने आते ही पूरे फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। उनके बेटे निकितिन धीर, जो खुद बॉलीवुड अभिनेता हैं (जिन्हें चेन्नई एक्सप्रेस और शेरशाह जैसी फिल्मों में देखा गया है), अपने पिता के बेहद करीब थे। पिता की मौत से निकितिन पूरी तरह टूट गए हैं।

कई सेलेब्रिटीज़ और पुराने सह-कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। अभिनेता गजेन्द्र चौहान (युधिष्ठिर) और पुनीत इस्सर (दुर्योधन) ने पंकज धीर को याद करते हुए कहा कि “वे न सिर्फ एक बेहतरीन कलाकार थे बल्कि एक सच्चे इंसान भी थे।”

पंकज धीर का करियर: टीवी से लेकर फिल्मों तक का सफर

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों से की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान छोटे पर्दे से मिली। उन्होंने न केवल ‘महाभारत’ बल्कि कई और लोकप्रिय सीरियल्स में काम किया, जैसे चंद्रकांता, ससुराल सिमर का, बंधन और झाँसी की रानी

फिल्मों में भी उन्होंने कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं। सोने पे सुहागा, राम अवतार, हमसे है जमाना, मर्द जैसी फिल्मों में वे नज़र आए। पंकज धीर ने अपने अभिनय से साबित किया कि वे सिर्फ टीवी कलाकार नहीं बल्कि एक संपूर्ण अभिनेता हैं जो किसी भी किरदार में जान डाल सकते हैं।

निर्देशन और लेखन में भी हाथ आजमाया

बहुत कम लोगों को पता है कि पंकज धीर सिर्फ एक्टर ही नहीं, बल्कि निर्देशक और लेखक भी रहे। उन्होंने कुछ धारावाहिकों का निर्देशन किया और फिल्म निर्माण में भी सक्रिय रहे। उनका मानना था कि अभिनय सिर्फ पर्दे पर दिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके पीछे की क्रिएटिव सोच भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

फैंस ने सोशल मीडिया पर जताया दुख

जैसे ही पंकज धीर के निधन की खबर फैली, सोशल मीडिया पर फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ‘#PankajDheer’ और ‘#MahabharatKarna’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने लिखा कि “एक युग समाप्त हो गया,” और “कर्ण फिर स्वर्ग लौट गए।”

कई यूज़र्स ने लिखा कि उन्होंने अपने बचपन में महाभारत देखते हुए कर्ण से न्याय, साहस और आत्मसम्मान जैसे मूल्यों को सीखा। फैंस का कहना है कि “पंकज धीर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका किरदार हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा।”

‘महाभारत’ के कलाकारों के लिए एक और झटका

बीते कुछ वर्षों में ‘महाभारत’ के कई कलाकार इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। गजेन्द्र चौहान, नीतिश भारद्वाज, मुकेश खन्ना और अन्य कलाकारों ने कई बार कहा था कि इस शो के हर किरदार ने भारतीय दर्शकों के मन में गहरी छाप छोड़ी है। पंकज धीर का जाना इस ‘महागाथा परिवार’ के लिए एक और भावनात्मक क्षति है।

जीवन के अंतिम दिनों में शांति की तलाश

सूत्रों के अनुसार, पंकज धीर ने अपने अंतिम दिनों में परिवार के साथ अधिक समय बिताया। वे आध्यात्मिकता में रुचि रखते थे और अक्सर ध्यान और योग किया करते थे। अपने इंटरव्यूज़ में वे कहते थे कि “जीवन का सबसे बड़ा सम्मान तब है जब लोग तुम्हें तुम्हारे काम से याद रखें।”

और सच में, आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, पूरा देश उन्हें उनके अद्भुत अभिनय और गरिमामय व्यक्तित्व के लिए याद कर रहा है।

अंतिम विदाई

पंकज धीर का अंतिम संस्कार मुंबई में किया जाएगा। परिवार ने अनुरोध किया है कि उनके फैंस और शुभचिंतक उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में याद रखें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

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