
बिहार चुनाव में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत पूरी तरह गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को नीतीश कुमार की सरकार और एनडीए गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए एक विस्तृत चार्जशीट जारी की। इस 42 पन्नों की रिपोर्ट का नाम रखा गया है — ‘बीस साल विनाश काल’, जिसमें पार्टी ने दावा किया है कि एनडीए के दो दशक के शासन ने बिहार को “विकास नहीं, विनाश” की ओर धकेल दिया है।
यह रिपोर्ट पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में जारी की गई, जहां बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय स्थित है। इस मौके पर पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, जिनमें जयराम रमेश, पूर्व राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल थे।
कांग्रेस का आरोप – “20 सालों में बिहार पिछड़ा, भ्रष्टाचार बढ़ा”
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 20 सालों में बिहार विकास की जगह पिछड़ेपन की ओर चला गया है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सृजन जैसे सभी क्षेत्रों में राज्य पीछे चला गया है, जबकि भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ते गए हैं।”
रमेश ने नीतीश कुमार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार “रिमोट कंट्रोल से चल रही है” — जिसका कंट्रोल बिहार के बाहर दिल्ली और नागपुर (RSS मुख्यालय) से है। उन्होंने कहा, “डबल इंजन सरकार सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त है, जनता के हितों से इसका कोई लेना-देना नहीं।”
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “इन 20 सालों में कुछ समय के लिए ‘पलटी’ (फ्लिप) जरूर हुई, लेकिन हालात वही के वही रहे।” यह टिप्पणी नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने को लेकर की गई थी।
सामाजिक न्याय और आरक्षण पर भाजपा को घेरा
जयराम रमेश ने इस दौरान भाजपा पर सामाजिक न्याय का विरोध करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने न केवल जातिगत जनगणना (Caste Survey) का विरोध किया बल्कि आरक्षण बढ़ाने के फैसले को भी अस्थिर करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन सरकार में रहते हुए जातीय सर्वे कराया, तब भाजपा ने इसका विरोध किया। आज वही भाजपा सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना के खिलाफ हलफनामा दाखिल कर चुकी है।”
रमेश ने यह भी सवाल उठाया कि जब बिहार में 65% आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया गया था, तो उसे संविधान की नवम अनुसूची (Ninth Schedule) में क्यों नहीं जोड़ा गया ताकि कोर्ट में इसे चुनौती न दी जा सके? उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तमिलनाडु में 69% आरक्षण को 1994 में पी.वी. नरसिंहा राव सरकार ने नवम अनुसूची में डालकर संरक्षित किया था।
उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री अब नाम के हैं, असली फैसले रिमोट कंट्रोल से लिए जा रहे हैं। सवाल यह है कि बिहार सरकार और केंद्र दोनों ने आरक्षण कानून को संविधान में सुरक्षित क्यों नहीं किया?”
कांग्रेस ने याद दिलाया – भाजपा और आरक्षण विरोध का इतिहास
रमेश ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना और आरक्षण का विरोध भाजपा की पुरानी सोच का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “1979 में आरएसएस ने कर्पूरी ठाकुर की सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर गिरा दिया था, और 1990 में भाजपा ने वी.पी. सिंह सरकार को भी इसी कारण गिराया।”
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार ने भाजपा के विरोध के बावजूद जातीय सर्वे पूरा किया, जिससे सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
“यह बिहार का नहीं, भारत के भविष्य का चुनाव है”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हालांकि यह विधानसभा चुनाव है, लेकिन इसका प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह चुनाव सिर्फ बिहार का नहीं, बल्कि देश की राजनीति का भविष्य तय करेगा। जनता अब 20 साल के जुमलों से आज़ादी चाहती है।”
रमेश ने कहा कि यह चुनाव भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई साबित होगा।
गहलोत और बघेल ने भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीतीश सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि “यह योजना केवल दिखावे के लिए है, इससे महिलाओं के वास्तविक रोजगार की समस्या हल नहीं होगी।”
वहीं भूपेश बघेल ने नीतीश और भाजपा सरकार को “डबल इंजन जिसका पिस्टन फेल हो गया है और अब केवल धुआं छोड़ रहा है” बताया। उन्होंने कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और कांग्रेस इसके लिए तैयार है।
सीट शेयरिंग पर फिलहाल चुप्पी, लेकिन गठबंधन मजबूत
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर कोई टिप्पणी नहीं की। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, “हम अपने सहयोगी दलों के साथ लगातार चर्चा में हैं। कुछ दिनों में सीट बंटवारे और साझा घोषणापत्र की घोषणा कर दी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राजद, वामदलों और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन के रूप में एनडीए का मुकाबला करेगी।
बिहार चुनाव का शेड्यूल
बिहार में दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। इस चुनाव में एनडीए गठबंधन की अगुवाई नीतीश कुमार कर रहे हैं, जबकि राजद-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन विपक्ष के रूप में चुनावी मैदान में है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि जनता 20 साल के शासन से थक चुकी है और अब बदलाव चाहती है। पार्टी की रणनीति है कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और शिक्षा-स्वास्थ्य की बदहाली जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ा जाए।



