
दिल्ली का बड़ा खुलासा: ‘स्वामी चैतन्यानंद’ पर छात्राओं का यौन शोषण का आरोप, पुलिस की तलाश जारी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शिक्षा के मंदिर को कलंकित कर देने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पढ़ने वाली कई छात्राओं ने संस्थान के डायरेक्टर और स्वयंभू बाबा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और अश्लील व्यवहार के संगीन आरोप लगाए हैं।
यह खबर सामने आते ही पूरे शिक्षा जगत और समाज में गहरी नाराज़गी फैल गई है। जिस व्यक्ति को छात्राएं “स्वामी जी” कहकर सम्मान देती थीं, वही उनके सम्मान और सुरक्षा से खिलवाड़ करता पाया गया। गेरुआ वस्त्र, माथे पर त्रिपुंड, सफेद चश्मा और गले में रुद्राक्ष पहने यह बाबा बाहर से संत नज़र आता था, लेकिन छात्राओं के मुताबिक अंदर से वह हवस का पुजारी था।
Delhi Management Institute Harassment Case: कैसे हुआ खुलासा?
इस पूरे मामले की शुरुआत अगस्त 2025 में तब हुई जब 17 छात्राओं ने डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में छात्राओं ने आरोप लगाया कि बाबा उन पर लगातार अश्लील टिप्पणी करता था, अभद्र संदेश भेजता था और गलत तरीके से छूने की कोशिश करता था।
कई छात्राओं ने यह भी बताया कि बाबा गुप्त कैमरों से उन पर नज़र रखता था। जांच में सामने आया कि उसका निशाना ज्यादातर वे छात्राएं थीं जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आती थीं और EWS स्कॉलरशिप पर PGDM कोर्स कर रही थीं। यानी, जिन छात्राओं को पढ़ाई का मौका जरूरत से मिला था, उन्हीं को इस तथाकथित धर्मगुरु ने अपनी गंदी नीयत का शिकार बनाया।
छात्राओं के गंभीर आरोप
छात्राओं का आरोप है कि चैतन्यानंद न केवल अश्लील भाषा का प्रयोग करता था, बल्कि व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर उन्हें गंदे संदेश भेजता था। एक छात्रा के मोबाइल से बरामद चैट में यह साफ देखा गया कि स्वामी उसे अपने कमरे में बुला रहा था और साथ ही लुभावने ऑफर देकर बहलाने की कोशिश कर रहा था।
उसने लिखा था— “मेरे कमरे में आ जाओ, तुम्हें फॉरेन ट्रिप पर ले जाऊंगा, तुम्हें कोई खर्च नहीं करना होगा।”
कई छात्राओं ने बताया कि अगर वे उसकी बात नहीं मानतीं, तो वह उन्हें परीक्षा में फेल करने या पढ़ाई से निकाल देने की धमकी देता था। इतना ही नहीं, हॉस्टल में काम करने वाली तीन महिला वार्डन भी उस पर आरोपों में शामिल पाई गईं। छात्राओं ने बताया कि ये वॉर्डन उनके फोन से जबरन अश्लील चैट्स डिलीट करवाती थीं ताकि मामले को दबाया जा सके।
50 छात्राओं तक फैला गंदा जाल
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में यह सामने आया कि केवल 17 ही नहीं, बल्कि करीब 50 छात्राओं के साथ बाबा की आपत्तिजनक चैट्स सामने आई हैं। इन चैट्स में साफ तौर पर उसकी नीयत और मानसिकता झलक रही थी।
पुलिस ने इस केस में संस्थान की तीनों महिला वार्डन के बयान दर्ज किए हैं और उन पर भी सबूत मिटाने में मदद करने का आरोप है।
पुलिस और अदालत की कार्रवाई
जब मामला खुला, तब चैतन्यानंद लंदन में था। लेकिन जैसे ही दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू किए, वह फरार हो गया। आखिरी बार उसका पता आगरा में चला।
उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) के लिए याचिका भी दायर की, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया। तब से ही वह लगातार फरारी काट रहा है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। 2009 और 2016 में भी उसके खिलाफ यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले दर्ज हो चुके हैं। पहला मामला डिफेंस कॉलोनी और दूसरा वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दर्ज है। यानी, उसका इतिहास पहले से ही विवादों और अपराधों से भरा हुआ है।
शिक्षा संस्थानों की साख पर सवाल
यह मामला केवल एक व्यक्ति के अपराध तक सीमित नहीं है। इसने पूरे समाज और शिक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। एक ओर जहां देशभर में लड़कियों की सुरक्षा और समान अवसर की बातें होती हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा के मंदिर में इस तरह का शर्मनाक व्यवहार सामने आना बेहद गंभीर है।
छात्राओं का कहना है कि वे पढ़ाई के सपनों के साथ कॉलेज आई थीं, लेकिन यहां उन्हें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। ऐसे मामलों से यह सवाल भी उठता है कि क्या संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतज़ाम हैं या नहीं।
पुलिस की तलाश और आगे की कार्रवाई
फिलहाल, पुलिस आरोपी स्वामी चैतन्यानंद की तलाश में जुटी हुई है। उसकी लोकेशन कई बार बदल चुकी है, जिससे गिरफ्तारी मुश्किल हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उसकी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों की भी जांच कर रही है, क्योंकि उसके विदेश भागने की आशंका भी जताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे कानून के सामने पेश किया जाएगा। इस मामले में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने छात्राओं की आवाज दबाने की कोशिश की।
समाज के लिए सबक
Delhi Management Institute Harassment Case सिर्फ दिल्ली की नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है। ऐसे ढोंगी बाबा और फर्जी धर्मगुरु समाज में कई जगह सक्रिय हैं जो धार्मिक चोला पहनकर अपनी हवस पूरी करते हैं। शिक्षा संस्थानों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को जिम्मेदार पदों पर नियुक्त करने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की गहराई से जांच करें।
साथ ही, छात्राओं और अभिभावकों को भी सतर्क रहना होगा और यदि कभी इस तरह की स्थिति बने तो तुरंत शिकायत करनी चाहिए। पुलिस और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और उन्हें न्याय मिले।
कुल मिलाकर, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का यह मामला सिर्फ एक आपराधिक कांड नहीं बल्कि समाज के लिए एक आईना है, जिसमें हम देख सकते हैं कि ढोंग और हवस किस तरह शिक्षा जैसे पवित्र स्थान को भी गंदा कर सकती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस फरार आरोपी को कब तक पकड़ पाती है और पीड़ित छात्राओं को न्याय कब तक मिल पाता है।