उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी यूपी उपचुनाव में 9 सीटों पर लड़ने जा रही है. इस बार चुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है

TFD INDIA NEWS 24 – रिपोर्टर – खुशबू भारती 

समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी यूपी उपचुनाव में 9 सीटों पर लड़ने जा रही है. इस बार चुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है

 

समाजवादी पार्टी यूपी उपचुनाव में 9 सीटों पर लड़ने जा रही है. इस बार चुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. यह चुनाव भविष्य में होने वाले दूसरे चुनाव के लिहाज से भी बेहद खास माना जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देने में लगे हैं. इस चुनाव में अलग-अलग पार्टियां मतदाताओं तक पहुंचने के लिए नारों का भी जमकर सहारा ले रहे हैं. पहले जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया था वहीं अब इस क्रम में समाजवादी पार्टी भी शामिल होती दिख रही है. सपा ने बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के जवाब के तौर पर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा दिया है. पार्टी ने लखनऊ में ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ के नारे वाले कई पोस्टर भी लगवाए हैं.

भाजपा ने सपा को दिया जवाब

सपा के जुटेंगे तो जीतेंगे के नारे के जवाब में बीजेपी ने कहा कि जो हमेशा बांटने का प्रयास करते रहे हैं, आज जोड़ने के बात कर रहे हैं. सीएम योगी ने जब बंटोगे तो कटोगे का नारा का क्या दिया तो अब सब जोड़ने की बात कर रहे हैं. अगर आपको जोड़ना है तो आपको सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर काम करना होगा और सबको साथ लेकर चलना होगा. सिर्फ दिखावे के लिए पोस्टर लगा देने से ये नहीं होने वाला है.
कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने दिया था बटेंगे तो कंटेगे का नारा

“बंटेगें तो कटेंगे…”, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ये नारा हरियाणा चुनाव में भी पार्टी के लिए वरदान साबित हुआ था. पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम में इसका समर्थन भी किया था. अब तो RSS भी इस मुद्दे पर साथ दिख रहा है. आपको बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त को पहली बार इस नारे का इस्तेमाल किया था. उन्होंने उस दौरान ये नारा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के संदर्भ में दिया था. हालांकि, अब इस चुनावी माहौल में ये नारा बीजेपी का मंत्र सा बन गया है. इस नारे की पहली परीक्षा यूपी के उपचुनाव से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में होने वाली है. इन चुनावों के परिणाम आने के बाद ही ये और साफ हो पाएगा कि बीजेपी को इस नारे का इन राज्यों के चुनाव में भी कितना फायदा पहुंचा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button