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SIR schedule extends: वोटर लिस्ट संशोधन की समयसीमा एक सप्ताह बढ़ी, अंतिम सूची 14 फरवरी को जारी होगी

भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की समयसीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया है। आयोग का यह कदम कई राज्यों में चल रही वोटर लिस्ट सुधार प्रक्रिया की धीमी प्रगति और विपक्ष की आपत्तियों के बाद सामने आया है।

ड्राफ्ट लिस्ट अब 16 दिसंबर को, अंतिम लिस्ट 14 फरवरी को जारी

चुनाव आयोग के नए आदेश के अनुसार:

  • ड्राफ्ट वोटर लिस्ट – पहले 9 दिसंबर को जारी होनी थी
    अब 16 दिसंबर को जारी होगी

  • अंतिम वोटर लिस्ट – अब 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी

ECI ने कहा कि इस अतिरिक्त एक सप्ताह का उद्देश्य ब्लॉक स्तर पर गायब, स्थानांतरित, मृत या डुप्लिकेट मतदाताओं से संबंधित सूचनाओं को BLOs और BLAs के बीच बेहतर तरीके से सत्यापित करना है, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

वोटर लिस्ट में SIR प्रक्रिया: किन राज्यों में चल रही है?

27 अक्टूबर को शुरू किए गए इस दूसरे चरण में नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है:

  • राज्य: छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल

  • केंद्र शासित प्रदेश: अंदमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, पुडुचेरी

इनमें से केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिससे यह प्रक्रिया राजनीतिक रूप से और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

TMC और विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आरोप लगाया कि संशोधन प्रक्रिया जल्दबाज़ी में शुरू की गई, और इससे पश्चिम बंगाल में कई लोगों की मौतें भी हुईं। TMC नेताओं ने मांग की कि ECI इस “गलती” के लिए जनता से माफी मांगे।

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि आयोग ने यह प्रक्रिया बिना पर्याप्त तैयारी के शुरू की और यह भारतीय जनता पार्टी के दबाव में किया गया कदम प्रतीत होता है।

SP प्रमुख अखिलेश यादव बोले: एक सप्ताह काफी नहीं

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि BLOs पर अत्यधिक दबाव है और केवल एक सप्ताह की बढ़ोतरी उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर को कम नहीं कर सकेगी।

कई राज्यों में डेटा डिजिटाइजेशन की रफ्तार धीमी

हालाँकि 12 क्षेत्रों में फॉर्म वितरण लगभग 99.65% पूरा हो चुका है, लेकिन डेटा डिजिटल रूप में अपलोड करने की प्रक्रिया कई बड़े राज्यों में काफी धीमी है:

  • उत्तर प्रदेश: केवल 69.56% डेटा डिजिटाइज

  • केरल: 81.19%

  • गुजरात: 85.96%

  • तमिलनाडु: 87.64%

UP में सबसे अधिक मतदाता और सबसे ज़्यादा BLO तैनात हैं, इसलिए यहाँ देरी सबसे अधिक चिंता का कारण बन रही है।

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