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ट्रंप और शी जिनपिंग की 2019 के बाद पहली मुलाकात आज, बुसान में तय होगा ट्रेड वॉर और चिप विवाद का भविष्य!

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं — अमेरिका और चीन — के बीच गुरुवार को बुसान (Busan) में एक ऐतिहासिक मुलाकात होने जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगभग छह साल बाद आमने-सामने बातचीत करेंगे। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात 2019 में जापान के ओसाका में हुए G20 सम्मेलन के दौरान हुई थी।

इस बैठक को वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि चर्चा के केंद्र में रहेंगे — ट्रेड वॉर, सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट बैन, रेयर-अर्थ मिनरल्स, और यूक्रेन युद्ध। हालांकि, यह माना जा रहा है कि दोनों पक्ष ताइवान के विवादास्पद मुद्दे से फिलहाल दूरी बनाए रखेंगे।

बुसान में तीन से चार घंटे की लंबी वार्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को कहा,

“कल शी जिनपिंग से मुलाकात बहुत अच्छी रहेगी। यह मीटिंग तीन से चार घंटे चलेगी, और मुझे पूरा भरोसा है कि कई बड़े मसले सुलझेंगे।”

ट्रंप ने अपनी दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान प्रेस को बताया कि उन्हें इस मुलाकात से “बेहद उम्मीदें” हैं और यह “बहुत बड़ी और शानदार” बैठक साबित होगी।

यह मुलाकात एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) सीईओ समिट के दौरान हो रही है, जो दोनों नेताओं की 2019 के बाद पहली face-to-face बैठक है।

फेडरल ट्रेड डील पर भी टिकी हैं निगाहें

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा,

“दोनों नेता रणनीतिक और दीर्घकालिक मुद्दों पर गहराई से बातचीत करेंगे। हम अमेरिका के साथ मिलकर सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिरता की नई दिशा देने के लिए तैयार हैं।”

सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एक नए व्यापार समझौते (Trade Deal) पर सहमति बनने की संभावना है, जो 10 नवंबर की समयसीमा से पहले टैरिफ बढ़ोतरी को रोक सकता है।

ट्रेड वॉर और टैरिफ विवाद का दबाव

अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वॉर ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं पर असर डाला है।
सितंबर तक चीन द्वारा अमेरिकी निर्यात पर औसत टैरिफ 32.6% और अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर 57.6% शुल्क लागू था, जैसा कि Peterson Institute for International Economics ने रिपोर्ट किया है।

दोनों पक्ष अब एक बार फिर इस टैरिफ युद्ध को कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

सेमीकंडक्टर और रेयर-अर्थ विवाद

हाल के महीनों में अमेरिका ने चीन पर एडवांस्ड सेमीकंडक्टर तकनीक, खासकर Nvidia की Blackwell AI चिप्स, पर निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं।
वहीं, चीन ने जवाब में rare earth minerals के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लागू किया है — जो इलेक्ट्रॉनिक और रक्षा उद्योगों के लिए बेहद जरूरी हैं।

ट्रंप ने कहा है कि वे शी जिनपिंग के साथ “Nvidia चिप्स” पर चर्चा करेंगे, जिन्हें उन्होंने मज़ाकिया लहजे में “super-duper chip” कहा।

अमेरिका का दावा है कि ये नियंत्रण चीन की सैन्य क्षमताओं को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी हैं।
हालांकि, बीजिंग ने संकेत दिए हैं कि वह एक साल तक अपने नए निर्यात प्रतिबंधों को स्थगित कर सकता है — बदले में वॉशिंगटन से नए चिप कंट्रोल्स को स्थगित करने की उम्मीद रखता है।

ट्रंप की रणनीति: चीन पर निर्भरता कम करना

ट्रंप प्रशासन लगातार अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चीनी रेयर अर्थ मटेरियल्स पर निर्भरता घटाने की दिशा में काम कर रहा है।
हाल ही में उन्होंने जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों देश मिलकर इन महत्वपूर्ण खनिजों की माइनिंग और प्रोसेसिंग करेंगे।

चीन-आसियान साझेदारी में तेजी

चीन ने भी अपनी तरफ से आर्थिक साझेदारियों को विविध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
मंगलवार को चीन ने आसियान (ASEAN) देशों के साथ अपने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अपग्रेड किया।
पिछले वर्ष चीन-आसियान व्यापार 771 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो अमेरिका-चीन व्यापार (659 अरब डॉलर) से कहीं अधिक है।

यूक्रेन युद्ध पर भी होगी चर्चा

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पुष्टि की है कि वे शी जिनपिंग के साथ यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर भी बातचीत करेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से अपील की है कि वे चीन से रूस को दी जा रही ऊर्जा और आर्थिक मदद को कम करने के लिए दबाव डालें।

ज़ेलेंस्की ने कहा,

“अगर ट्रंप चीन को रूस से तेल आयात कम करने के लिए राजी कर पाते हैं, तो यह पूरी दुनिया के लिए बड़ी राहत होगी।”

इसी महीने की शुरुआत में ट्रंप ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए और चीन व भारत से भी रूसी तेल की खरीद कम करने की अपील की थी।

ताइवान पर बातचीत से दूरी

हालांकि ताइवान का मुद्दा इस मुलाकात में प्रमुख चर्चा का विषय नहीं रहेगा।
ट्रंप ने कहा,

“मुझे नहीं लगता कि हम ताइवान पर बात करेंगे। शायद वह पूछना चाहें, लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ खास नहीं है जिस पर चर्चा की जाए। ताइवान, ताइवान है।”

दूसरी ओर, चीन ने दोहराया है कि वह ताइवान को मिलाने के लिए सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

टिकटॉक और फेंटेनाइल पर भी चर्चा संभव

दोनों देशों के बीच TikTok और फेंटेनाइल (Fentanyl) एक्सपोर्ट से जुड़े मुद्दों पर भी समझौता होने की उम्मीद है।
टिकटॉक पर अमेरिकी सुरक्षा चिंताओं के चलते हाल के महीनों में विवाद बढ़ा है।

ट्रंप का एशियाई दौरा

बुसान पहुंचने से पहले ट्रंप ने जापान और मलेशिया की यात्रा की, जहां उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं के साथ अलग-अलग व्यापारिक वार्ताएं कीं।
दक्षिण कोरिया में उनका स्वागत भव्य समारोह के साथ किया गया, जिसमें उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान “Grand Order of Mugunghwa” और सोने का प्रतीकात्मक ताज भेंट किया गया।

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