
4 सितंबर 2025 — सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) भर्ती घोटाले पर सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि इस घोटाले में शामिल किसी भी “दागी” उम्मीदवार को अब परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आलोक अराधे की पीठ ने कहा कि इस मामले में आगे कोई नई याचिका नहीं सुनी जाएगी। कोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें दागी उम्मीदवारों ने नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की मांग की थी।
हाई कोर्ट ने भी दिखाया सख्ती
कोलकाता हाई कोर्ट ने भी इसी तरह का सख्त रुख अपनाते हुए 24 याचिकाएं खारिज कर दीं। हाई कोर्ट की बेंच ने साफ कहा कि SSC की लिस्ट में कोई दखल देने की ज़रूरत नहीं है और दागी उम्मीदवार किसी भी हाल में परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकते।
सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दागियों पर रोक लगाने के साथ-साथ राज्य सरकार और CBI से भी सवाल पूछे। कोर्ट ने जानना चाहा कि अब तक इन उम्मीदवारों को हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों नहीं की गई? साथ ही, अदालत ने राज्य सरकार के वकीलों पर भी सवाल उठाए कि जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है, तो फिर क्यों हाई कोर्ट में दागियों की पैरवी की जा रही थी?
एडमिट कार्ड रद्द, लिस्ट सार्वजनिक
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद SSC ने 2016 की भर्ती परीक्षा के 1,806 दागी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की और उनके एडमिट कार्ड रद्द कर दिए। कोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि कोई भी दोषी उम्मीदवार नई भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा न ले पाए।
अधिकारियों पर भी सवाल
कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब दागी उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड जारी हुए, तो उन अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई जिन्होंने यह गलती की? अदालत ने कहा कि इन अयोग्य उम्मीदवारों की वजह से हजारों योग्य छात्रों का भविष्य बर्बाद हुआ है और अब ऐसी गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने साफ कर दिया है कि SSC भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। यह फैसला केवल न्याय की जीत ही नहीं है, बल्कि आने वाली भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
अब जिम्मेदारी सरकार, CBI और SSC की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भविष्य की भर्तियां पूरी तरह ईमानदार और निष्पक्ष हों, ताकि योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिल सके।