
दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में चमके गायकवाड़
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान और महाराष्ट्र के स्टार बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ ने घरेलू क्रिकेट में अपनी वापसी को यादगार बना दिया है। लंबे समय तक चोट से जूझने के बाद उन्होंने दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में वेस्ट जोन की ओर से खेलते हुए सेंट्रल जोन के खिलाफ शतक (131 गेंदों में) जड़ा। उनकी इस पारी में 13 चौके शामिल थे।
यह शतक न सिर्फ उनकी फिटनेस और फॉर्म की गवाही देता है, बल्कि आने वाली भारत बनाम वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज (IND vs WI Test Series 2025) से पहले चयनकर्ताओं के लिए एक बड़ा संदेश भी है।
चोट के बाद दमदार वापसी
गायकवाड़ को IPL 2025 के दौरान चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह टूर्नामेंट के बीच से बाहर हो गए थे। इसके बाद से वे मैदान से दूर थे। लेकिन दलीप ट्रॉफी में उन्होंने साबित कर दिया कि वह पूरी तरह फिट हैं और टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे प्रारूप में भी खुद को साबित कर सकते हैं।
अकेले लड़े, टीम को संभाला
सेमीफाइनल मुकाबले में वेस्ट जोन की शुरुआत बेहद खराब रही। शुरुआती विकेट जल्दी गिरने से टीम मुश्किल में थी। ऐसे में चौथे नंबर पर उतरे गायकवाड़ ने पारी को संभाला और शतक जड़कर विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाया।
उनकी इस शानदार बल्लेबाजी ने यह दिखा दिया कि वह सिर्फ टी20 और वनडे ही नहीं, बल्कि रेड-बॉल क्रिकेट में भी टीम के लिए मैच जिताने वाले खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
टेस्ट टीम में जगह की चुनौती
हालांकि गायकवाड़ का यह शतक चयनकर्ताओं के लिए सोचने पर मजबूर करने वाला है, लेकिन भारतीय टेस्ट टीम में जगह पाना उनके लिए आसान नहीं होगा। टीम में पहले से ही यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और अन्य भरोसेमंद बल्लेबाज मौजूद हैं।
गायकवाड़ को मौका तभी मिल सकता है जब चयनकर्ता नए विकल्पों को आज़माने का फैसला लें।
घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन रिकॉर्ड
गायकवाड़ का घरेलू प्रदर्शन भी शानदार रहा है।
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अब तक खेले गए 38 प्रथम श्रेणी मैचों में 2632 रन
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बल्लेबाजी औसत 41.97
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कई अर्धशतक और रनजोड़ने वाली पारियां
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पिछली रणजी ट्रॉफी में केवल 5 पारियों में 330 रन
ये आंकड़े बताते हैं कि ऋतुराज लंबे समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और टेस्ट टीम में जगह पाने के हक़दार हैं।
IND vs WI टेस्ट सीरीज से पहले बड़ा संकेत
2 अक्टूबर 2025 से भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज शुरू होनी है। इस शतक ने गायकवाड़ को चयनकर्ताओं की नजरों में फिर से ला दिया है। अगर वह लगातार इसी फॉर्म में बने रहते हैं, तो आने वाले समय में उन्हें टेस्ट टीम में देखने का मौका मिल सकता है।
निष्कर्ष
ऋतुराज गायकवाड़ का यह शतक सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि उनकी धमाकेदार वापसी का ऐलान है। चोट से जूझने के बाद इस तरह की पारी खेलना बताता है कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से कितने मजबूत हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चयनकर्ता उन्हें टेस्ट टीम का हिस्सा बनाते हैं या नहीं।