TFD INDIA NEWS 24 – रिपोर्टर – खुशबू भारती
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर चुन लिया गया है. वे केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जम्मू कश्मीर के पहले स्पीकर हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर चुन लिया गया है. वे केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जम्मू कश्मीर के पहले स्पीकर हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने उनको पूरे सदन की तरफ़ से बधाई दी.
उन्होंने कहा, “सदन में इस ओहदे को संभालने के लिए शायद आप स्वाभाविक पसंद थे. इसी का नतीजा है कि जब प्रोटेम स्पीकर ने सदन से कहा कि जो भी आपके स्पीकर बनने के ख़िलाफ़ वोट देना चाहते हैं तो किसी ने भी आपके ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई.”
अब्दुल रहीम राथर बडगाम ज़िले के चरार-ए-शरीफ़ के विधायक हैं. वे काफी लंबे समय से नेशनल कॉन्फ़्रेंस से जुड़े रहे हैं.
पीडीपी के विधायक वहीद-उर-रहमान पर्रा ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा वापस दिलाने और अनुच्छेद 370 को हटाने के विरोध में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव रखा.
जिसके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा शुरु हो गया. उनके इस प्रस्ताव का बीजेपी विधायकों ने विरोध किया.
इस पर प्रस्ताव को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने भी विधानसभा में अपनी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंंने कहा, “हमें मालूम था कि इस तरह की तैयारी की जा रही थी. मैं आज सियासी तकरीर करना चाहता ही नहीं था, इसलिए मैंने कोई सियासी बात नहीं की.”
“हकीकत यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 5 अगस्त 2019 के फैसले पर अपनी मोहर नहीं लगाई है. अगर लगाई होती तो नतीजे अलग होते.”
“हम इस तरफ बैठे है उनकी वजह से, जिन्होंने 5 अगस्त 2019 के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. हाउस इसे किस तरह रिफलेक्ट करेगा, इस पर किस तरह बातचीत होगी, इसको किस तरह रिकॉर्ड पर लाया जाएगा. ये एक सदस्य तय नहीं करेगा.”
“जो प्रस्ताव आज लाया गया है उसकी कोई अहमियत नहीं है. कैमरे को दिखाने के अलावा उसका कोई मकसद नहीं है. अगर मकसद होता तो शायद ये लोग हमारे से मशवरा करके तय करते की हाउस की तरफ से क्या बात आनी चाहिए.”