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Karur Stampede News: विजय का भावुक संदेश, BJP ने सुप्रीम कोर्ट जांच की मांग

नई दिल्ली: तमिलागा वेत्रि कझगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता विजय ने Karur Stampede त्रासदी के बाद अपना पहला वीडियो संदेश जारी किया। 27 सितंबर को हुई इस घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी। विजय ने इसे अपनी जिंदगी का सबसे दर्दनाक क्षण बताया और कहा कि उनका दिल केवल दर्द और पीड़ा से भरा है।

उन्होंने कहा कि Karur की रैली में शामिल लोगों का प्यार और स्नेह उनके लिए हमेशा खास रहेगा, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में जानें जाने से वे भीतर से टूट गए हैं। विजय ने साफ किया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा से जनता की सुरक्षा रही है। उन्होंने कहा कि इस पूरे दौरे के दौरान उन्होंने राजनीतिक कारणों को किनारे रखकर केवल लोगों की सुरक्षा पर ध्यान दिया।


विजय का भावुक संदेश

विजय ने अपने संदेश में कहा, “मैंने हमेशा सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा। इसलिए हर रैली के लिए उपयुक्त स्थान चुना और पुलिस से अनुमति भी ली। इसके बावजूद यह हादसा हुआ, जो मेरे जीवन की सबसे पीड़ादायक घटना है।”

उन्होंने आगे कहा कि जब हादसा हुआ, तब वे करूर छोड़कर सीधे वापस जा सकते थे, लेकिन ऐसा करना और तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता था। उन्होंने वहां मौजूद लोगों के दर्द और अफरा-तफरी को देखते हुए शांतिपूर्वक स्थिति को संभालने की कोशिश की। विजय ने दिवंगत लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की।


FIR दर्ज, विजय ने खुद को पेश किया

विजय ने बताया कि उनकी पार्टी के आयोजकों और सोशल मीडिया समर्थकों तक पर FIR दर्ज की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि दूसरों पर कार्रवाई न की जाए, बल्कि अगर जिम्मेदारी तय करनी ही है तो वे खुद उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक सफर अब और मजबूती तथा साहस के साथ जारी रहेगा।


BJP प्रतिनिधिमंडल की करूर यात्रा

घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। मंगलवार को NDA-BJP का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल करूर पहुंचा। इसमें हेमा मालिनी, अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी समेत कई सांसद शामिल थे। इस टीम ने हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की, मृतकों के परिजनों से संवेदना व्यक्त की और चश्मदीद गवाहों से बात की।

प्रतिनिधिमंडल ने हादसे की जांच को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए। उनका आरोप था कि रैली के आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक हुई। BJP नेताओं ने मांग की कि इस मामले की जांच किसी सिटिंग सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में कराई जाए ताकि सच सामने आ सके और जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जा सके।


हेमा मालिनी ने उठाए सवाल

हेमा मालिनी ने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को एक संकरे स्थान पर इकट्ठा करना बड़ी भूल थी। “आप 30,000 से ज्यादा लोगों को एक छोटे से स्थल पर कैसे संभाल सकते हैं? सुरक्षा इंतजाम भीड़ के अनुपात में बिल्कुल नाकाफी थे।” उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों, इसके लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।


कैसे हुआ करूर स्टांपीड?

27 सितंबर को विजय की करूर रैली में करीब 50,000 लोग जुटे थे। इसी दौरान भीड़ में एक नौ वर्षीय बच्ची के लापता होने की खबर से अचानक अफरा-तफरी मच गई। लोग बच्ची को ढूंढने के लिए एक दिशा में दौड़ पड़े। भीड़ के दबाव और भगदड़ में कई लोग बेहोश हो गए, जिनमें बच्चे और पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल थे।

विजय ने तुरंत अपना भाषण रोक दिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने एम्बुलेंस के लिए रास्ता खाली करने की भी अपील की। लेकिन तब तक हालात बिगड़ चुके थे और भारी दबाव में कई लोगों की मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस हादसे में 38 से अधिक लोगों की मौके पर ही जान चली गई और बाद में तीन और ने दम तोड़ दिया।


सरकार की ओर से मदद और जांच

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हादसे पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों के लिए भी सहायता राशि तय की गई। स्टालिन ने कहा कि पूरे मामले की जांच आयोग के माध्यम से कराई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके और आगे ऐसी घटनाएँ न हों।


निष्कर्ष

करूर स्टांपीड त्रासदी ने एक बार फिर राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। विजय ने जहां इस घटना को अपनी जिंदगी का सबसे दर्दनाक अनुभव बताया, वहीं BJP और विपक्षी दलों ने सुरक्षा चूक और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

यह हादसा न सिर्फ तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है कि बड़ी राजनीतिक रैलियों और सभाओं में सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि जांच से क्या निष्कर्ष निकलते हैं और पीड़ित परिवारों को कितना न्याय मिल पाता है।

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