
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भगवान विष्वकर्मा जयंती के अवसर पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने परंपरागत 11 ट्रेड्स के साथ अब 12 नए आधुनिक ट्रेड्स को जोड़ा है। इन नए क्षेत्रों में मोबाइल रिपेयरिंग, ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मरम्मत, इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग, प्लंबिंग, कंप्यूटर रिपेयरिंग, सोलर पैनल रिपेयरिंग, डिजिटल फोटोग्राफी और ब्यूटी एंड वेलनेस जैसे सेक्टर शामिल हैं।
योगी ने कहा कि इन नए ट्रेड्स को शामिल करने का मकसद युवाओं को आधुनिक तकनीक और ग्लोबल मार्केट से जोड़ना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और नौकरी खोजने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें।
कारीगरों और शिल्पियों की अहम भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कारीगरों और शिल्पियों ने पिछले साढ़े आठ साल में राज्य को पिछड़ेपन की छवि से बाहर निकालकर एक “ग्रोथ इंजन” बनाया है। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि “कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ ही यूपी को पिछड़ा राज्य कहेगा, क्योंकि अब पूरे देश में यूपी की पहचान बदल चुकी है। आज उत्तर प्रदेश असीम संभावनाओं वाला राज्य है।”
उन्होंने जानकारी दी कि बीते वर्षों में बैंकों ने एमएसएमई सेक्टर के तहत राज्य के कारीगरों, शिल्पियों और उद्यमियों को 1.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया। यह राशि कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक है, जो यूपी की आर्थिक प्रगति का प्रमाण है।
विष्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ
विष्वकर्मा जयंती के मौके पर राज्य भर के 12,000 कारीगरों को टूलकिट्स वितरित किए गए। इस दौरान लखनऊ के ऋत्विक कनौजिया और प्रियंका कुमारी को मुख्यमंत्री ने मंच से सम्मानित किया।
योगी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य युवाओं को जॉब सीकर्स से जॉब प्रोवाइडर्स बनाना है। उन्होंने बताया कि 2017 में बैंकों का ऋण जमा अनुपात 44% था, यानी हर ₹100 जमा पर केवल ₹44 का लोन दिया जाता था। आज यह अनुपात बढ़कर 62% हो गया है और अगले वित्त वर्ष तक इसे 75% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
ODOP बना युवाओं की पहचान
योगी आदित्यनाथ ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना को यूपी की नई पहचान बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने न केवल करोड़ों युवाओं को रोजगार दिया बल्कि प्रदेश को निर्यात का हब भी बना दिया। आज यूपी हर साल ₹1.86 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात करता है।
सीएम ने महात्मा गांधी की ग्राम स्वावलंबन की अवधारणा को याद करते हुए कहा कि गांव पहले आत्मनिर्भर होते थे और शिल्पकार सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूत बनाते थे। उन्होंने कहा कि “हमारे पास हुनर की कोई कमी नहीं है। दुनिया में क्रिकेट और फुटबॉल खेले जाते हैं, लेकिन उनके बल्ले और बॉल मेरठ में बनते हैं। आगरा का लेदर वर्क और वाराणसी, मिर्जापुर व भदोही की कालीन कला पूरी दुनिया में सराही जाती है।”
युवाओं के लिए नए अवसर और नियुक्तियां
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 111 जूनियर असिस्टेंट्स को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार युवाओं को नए रोजगार के अवसर देने पर काम कर रही है।
कार्यक्रम में अधिकारियों ने जानकारी दी कि तकनीकी प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों और संगठनों के साथ तीन बड़े एमओयू किए हैं। इनमें RailTel India, GMR, Shahi Exports, Usha International, Lakme, HCL Foundation समेत कई कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां परंपरागत कारीगरों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देंगी।
पीएम मोदी के विज़न से जुड़ा यूपी
सीएम योगी ने कहा कि भगवान विष्वकर्मा जयंती इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के साथ पड़ने से यह अवसर “डबल खुशी” का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के विज़न को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।”
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ सरकार का यह कदम प्रदेश के युवाओं और कारीगरों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है। जहां एक ओर पारंपरिक हुनर को संजोते हुए नई संभावनाओं के दरवाजे खोले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा बदलाव दिख रहा है।
आज का यूपी सिर्फ रोजगार तलाशने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर है।