उत्तर प्रदेश

यूपी के 2 लाख राशन कार्ड धारकों का राशन बंद – जानिए पूरा कारण और सरकार की नई गाइडलाइन

यूपी के 2 लाख राशन कार्ड धारकों का राशन बंद – वजह जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लिया है जिसके तहत करीब 2 लाख राशन कार्ड धारकों को अब सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन नहीं मिलेगा। यह फैसला सरकार की नई वेरिफिकेशन प्रक्रिया और पात्रता जांच के बाद सामने आया है।

इस खबर ने राज्य के लाखों परिवारों में हलचल मचा दी है क्योंकि अब तक वे सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाले राशन का लाभ उठा रहे थे।


क्यों काटे गए 2 लाख राशन कार्ड?

उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग ने बताया कि इन 2 लाख राशन कार्ड धारकों की पात्रता की जांच के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आईं।

  1. आय सीमा से ऊपर की आमदनी – कई परिवारों की वार्षिक आय सरकार की तय सीमा से ज्यादा पाई गई।

  2. सरकारी नौकरी या पेंशन – कार्ड धारकों में कुछ लोग सरकारी नौकरी या पेंशनभोगी निकले।

  3. डुप्लीकेट कार्ड – जांच में एक ही परिवार या व्यक्ति के नाम पर दो से अधिक राशन कार्ड मिले।

  4. वाहन व संपत्ति – जिन लोगों के पास चारपहिया वाहन, ट्रैक्टर, बड़ा मकान या भारी कृषि भूमि थी, उनके कार्ड भी रद्द कर दिए गए।

  5. अन्य राज्यों में राशन कार्ड – कुछ मामलों में पाया गया कि एक ही परिवार के पास यूपी और दूसरे राज्यों दोनों जगह राशन कार्ड थे।


सरकार की सख्ती क्यों बढ़ी?

पिछले कुछ सालों में सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि राशन योजना का लाभ वास्तविक गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा।

  • कई अपात्र लोग मुफ्त अनाज ले रहे थे।

  • गरीब और जरूरतमंद लोग वंचित रह जाते थे।

  • केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए कि DBT और आधार सीडिंग के माध्यम से राशन कार्डों का वेरिफिकेशन किया जाए।

इसी के चलते यूपी सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया।


किन परिवारों को मिलेगा अब भी लाभ?

यूपी सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिनकी आय निम्न सीमा से कम है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।

  • भूमिहीन मजदूर

  • बीपीएल परिवार

  • मनरेगा जॉब कार्ड धारक

  • वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजन

  • जिनके पास पक्का घर नहीं है

इन परिवारों को पहले की तरह राशन का लाभ मिलता रहेगा।


लाभ से वंचित होने वालों की क्या स्थिति होगी?

जिन 2 लाख राशन कार्ड धारकों के कार्ड कैंसिल हुए हैं, उन्हें अब सरकारी राशन की दुकानों से मुफ्त अनाज नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि उन्हें

  • गेहूं, चावल, चीनी और दाल जैसी चीजें बाजार से ही खरीदनी होंगी।

  • कई परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

  • गरीब होने के बावजूद यदि गलती से उनका कार्ड कट गया है, तो उन्हें दोबारा अपील करनी होगी।


राशन कार्ड रद्द होने पर क्या करें?

यदि किसी पात्र परिवार का राशन कार्ड गलती से कैंसिल हो गया है तो वे दोबारा आवेदन कर सकते हैं।

  1. ऑनलाइन पोर्टल – खाद्य एवं रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नया आवेदन करें।

  2. ऑफलाइन आवेदन – नजदीकी तहसील या पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करें।

  3. आधार और आय प्रमाण पत्र – आवेदन के साथ आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।

  4. वेरिफिकेशन टीम – अधिकारी आपके घर आकर जांच करेंगे और पात्र पाए जाने पर कार्ड दोबारा एक्टिवेट कर देंगे।


जनता की प्रतिक्रिया

इस फैसले पर आम जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है।

  • कुछ लोग सरकार की सख्ती का स्वागत कर रहे हैं ताकि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।

  • वहीं दूसरी ओर, जिन परिवारों का कार्ड गलती से रद्द हुआ है, वे नाराज हैं और दोबारा पात्रता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।


विशेषज्ञों की राय

आर्थिक जानकारों का कहना है कि राशन कार्ड योजना का असली फायदा गरीबों को ही मिलना चाहिए। लेकिन भारत जैसे विशाल देश में पात्र और अपात्र की पहचान करना चुनौतीपूर्ण है।

  • डिजिटल वेरिफिकेशन और आधार सीडिंग से पारदर्शिता बढ़ी है।

  • लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण कई पात्र परिवार भी बाहर हो जाते हैं।


निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में 2 लाख राशन कार्ड धारकों को राशन से वंचित करना एक बड़ा निर्णय है। सरकार का दावा है कि यह कदम सही पात्र परिवारों तक अनाज पहुंचाने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इससे कई परिवार प्रभावित होंगे जिन्हें अब दोबारा आवेदन करना पड़ेगा।

लंबे समय में यह फैसला गरीबों के हित में साबित हो सकता है, लेकिन अभी के लिए यह कई परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण है।

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