TFD INDIA NEWS 24 – रिपोर्टर – खुशबू भारती
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को मलाड़ का दौरा किया।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को मलाड़ का दौरा किया। इससे पहले 28 अक्तूबर को डिप्टी सीएम और राकांपा प्रमुख अजित पवार ने बारामती विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था। शरद पवार के पोते और राकांपा-एसपी उम्मीदवार युगेंद्र पवार भी इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार ने मानखुर्द से राकांपा उम्मीदवार नवाब मलिक को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चार नवंबर को सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
नवाब मलिक के बारे में पूछे जाने पर राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि चार नवंबर को यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ रहा है। दरअसल, गुरुवार को भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा था कि अजित पवार को नवाब मलिक को पार्टी टिकट नहीं देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र में कई लोग यह सोच रहे हैं कि अजित पवार को नवाब मलिक को पार्टी टिकट नहीं देना चाहिए। उनके ऊपर लगे गंभीर आरोप महाराष्ट्र के लिए अस्वीकार्य है। भाजपा ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। महाराष्ट्र दाऊद जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी का विरोध करता है। इसके बावजूद अगर उन्हें टिकट दिया गया है तो भाजपा ऐसे लोगों के साथ नहीं जुड़ सकती है। हम ऐसे उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करेंगे। इसके बदले हम उस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जो उनके खिलाफ खड़ा होगा।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने किया आशीष शेलार के बयान पर पलटवार
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए आशीष शेलार के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने नवाब मलिक का विरोध किया था। देवेंद्र फडणवीस ने मलिक को पार्टी के विधायक दल में शामिल करने और उन्हें चुनाव टिकट न देने के खिलाफ अजीत पवार को चिट्ठी लिखी थी। राकांपा के अजित पवार ने नवाब मलिक को चुनाव फॉर्म दे दिया है। अब आशीष शेलार कह रहे हैं कि वे नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे उनके लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। यह उनकी कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है।”
बारामती लोकसभा सीट के लिए लड़ाई पवार परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है
बारामती लोकसभा सीट के लिए लड़ाई पवार परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र से राकांपा नेता अजित पवार का सामना उन्हीं के भतीजे युगेंद्र पवार से हो रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान अजित पवार की बहन सुप्रिया सुले ने उनकी पत्नी को हरा दिया था। सुप्रिया सुले का मानना है कि युगेंद्र पवार का नामांकन पार्टी के कायाकल्प के लिए अच्छा कदम है। युगेंद्र का कहना है कि अपने चाचा के खिलाफ इस क्षेत्र से चुनाव लड़ना कठिन नहीं है, लेकिन यह उतना आसान भी नहीं है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की गहमागहमी चरम पर है. छह प्रमुख पार्टियां चुनावी मैदान में हैं.
इनके अलावा कुछ जगहों पर तीसरे मोर्चे और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कुल मिलाकर यह चुनाव सचमुच में उम्मीदवारों के लिए बहुरंगी मुकाबला बन गया है.
लेकिन इस चुनाव में सबसे बड़ी दिलचस्पी बाग़ी उम्मीदवारों को लेकर दिख रही है. बागियों की संख्या बढ़ने से पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं.
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के दोनों गुटों, दो राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस, दो क्षेत्रीय दल वंचित बहुजन अघाड़ी और मनसे के आधिकारिक उम्मीदवारों को बाग़ी उम्मीदवारों की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
बाग़ी उम्मीदवारों के हौसले इसलिए भी बुलंद हैं क्योंकि वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं या फिर महाविकास अघाड़ी और महायुति को बहुमत हासिल करने से रोक सकते हैं.
नामांकन दाख़िल करने के अंतिम दिन तक प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से आधिकारिक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने से भी कई जगहों पर बग़ावत हुई है. बाग़ी तेवर अपनाने वालों में मुंबई से बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी जैसे नेता भी शामिल हैं.