
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, DMK नेताओं कनीमोझी और टी.आर. बालू समेत कई विपक्षी सांसदों ने SIR (Special Intensive Revision) के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
नेता मकर द्वार के सामने तख्तियां और बैनर लेकर विरोध में नारेबाज़ी करते दिखाई दिए। उनके मुख्य बैनर पर लिखा था— “Stop SIR — Stop Vote Chori”।
विपक्ष ने क्या कहा?
विपक्षी नेताओं का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के जरिए मतदाता सूचियों में हेरफेर की जा रही है, इसलिए इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस हाईकमान ने मंगलवार को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नेताओं के साथ बैठक की, जहां SIR लागू हो चुका है।
बैठक में पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट निर्देश दिया कि:
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बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) को समयबद्ध तरीके से नियुक्त किया जाए
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जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत किया जाए
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कहीं भी अनियमितता दिखे तो जिला अधिकारियों के पास शिकायत दी जाए
बैठक के दौरान यह भी सामने आया कि उत्तर प्रदेश में केवल एक-तिहाई BLAs ही अभी तक तैनात हो पाए हैं।
SIR का दूसरा चरण और राजनीतिक चिंता
SIR का दूसरा चरण करीब 51 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगा और 4 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करनी है।
विपक्ष का आरोप है कि यह अभ्यास कुछ तबकों के मतों की मनमानी डिलीशन की कोशिश है। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा:
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“EC फिर से बेनकाब होगा।”
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“यह लोकतंत्र को कमजोर करने की सुनियोजित कोशिश है।”
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“बिहार की तरह कुछ वर्गों के वोट हटाने की आशंका है।”
उन्होंने BLOs की हालिया आत्महत्याओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि लगभग सभी राजनीतिक दल (BJP को छोड़कर) SIR के खिलाफ हैं, फिर भी इसे क्यों लागू किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि केरल विधानसभा ने भी SIR को टालने का प्रस्ताव पारित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दल संसद को
“चुनावों की वॉर्म-अप जगह”
या
“हार के बाद भड़ास निकालने का मंच”
बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह चाहें तो विपक्ष को सकारात्मक राजनीति के लिए सुझाव भी दे सकते हैं।



