
बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ती समस्याएं
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग घंटों तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर समय बिताते हैं। यह आदत धीरे-धीरे लत में बदल जाती है और शरीर पर गंभीर प्रभाव डालती है। खासकर युवा वर्ग सुबह उठते ही सबसे पहले फोन देखने की आदत का शिकार हो चुका है। इसका असर सीधा आंखों की रोशनी पर पड़ता है और साथ ही गर्दन और रीढ़ की हड्डियों में अकड़न जैसी दिक्कतें सामने आने लगती हैं। यदि इन लक्षणों को समय रहते नजरअंदाज किया गया तो आगे चलकर ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
आंखों और शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार झुककर लैपटॉप पर काम करना और लंबे समय तक स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रखना आंखों की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। इससे आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना और डार्क सर्कल्स बनने की समस्या हो सकती है। वहीं, गर्दन झुकाकर लंबे समय तक बैठने से रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे सिरदर्द और चक्कर आना भी आम हो जाता है।
कुर्सी पर एक ही पोजीशन में घंटों बैठने से कंधों और कमर में दर्द बढ़ जाता है। धीरे-धीरे इसका असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ सकता है, जो बुढ़ापे में बड़ी परेशानी का कारण बनता है।
राहत और बचाव के उपाय
नियमित स्ट्रेचिंग करें
यदि आपकी नौकरी लंबे समय तक कंप्यूटर पर बैठकर करने की है, तो हर घंटे 4-5 मिनट का ब्रेक लें और शरीर को स्ट्रेच करें। हाथों, गर्दन और कंधों की स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियां खुलती हैं और अकड़न कम होती है।
डाइट पर ध्यान दें
डॉक्टर मानते हैं कि हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करना जरूरी है। दूध में हल्दी डालकर पीना भी फायदेमंद होता है क्योंकि यह सूजन और दर्द को कम करता है।
धूप जरूर लें
लंबे समय तक धूप से दूर रहना विटामिन डी की कमी को जन्म देता है, जो हड्डियों की कमजोरी की बड़ी वजह बनती है। रोजाना 15-20 मिनट धूप में बैठना प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाने का सबसे आसान तरीका है।
बैग टांगने की आदत बदलें
कई लोग ऑफिस बैग को हमेशा एक ही कंधे पर लटकाते हैं। इससे कंधे पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और दर्द बढ़ सकता है। बेहतर होगा कि बैग को दोनों कंधों पर बदल-बदलकर टांगें, जिससे शरीर पर भार समान रूप से बंटे।
निष्कर्ष
लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप का उपयोग हमारी आंखों, गर्दन और रीढ़ की हड्डियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन कुछ छोटे-छोटे बदलाव—जैसे समय-समय पर स्ट्रेचिंग करना, सही डाइट लेना, धूप का सेवन और सही तरीके से बैग का उपयोग—इन समस्याओं को काफी हद तक दूर कर सकते हैं। स्वस्थ आदतें अपनाकर न केवल आप आज का दर्द कम कर सकते हैं बल्कि आने वाले समय में गंभीर बीमारियों से भी बच सकते हैं।