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कैलाश दर्शन के लिए अब नहीं रहना होगा चीन के भरोसे

हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा के करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन पूरी तरह संभव है. सीमांत में स्थित नाभीढ़ांग के ठीक ऊपर दो किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत आसानी से दिखाई देता है. हालांकि, अब तक यह बात किसी को पता नहीं थी. लेकिन जब कुछ स्थानीय लोग ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी के ऊपर पहुंचे, तो वहां से पवित्र कैलाश पर्वत काफी करीब और दिव्य दिखाई दिया. जिसके बाद इस संभावना की वास्तविकता को खोजने गई अधिकारियों की टीम को भी कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन बहुत आसानी से हो गए. टीम में शामिल सदस्य और धारचूला के एसडीएम दिवेश शासनी ने बताया कि ओल्ड लिपुपास से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से हो रहे हैं. इस विषय में अब वह अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे. जिसके बाद आगे आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

भारत से ही कैलाश दर्शन अगर होते हैं, तो निश्चित ही सीमांत जिला पिथौरागढ़ धार्मिक पर्यटन के नक्शे में सबसे पहले होगा. पर्यटन विभाग के अधिकारी कीर्ति आर्य का कहना है कि ओल्ड लिपुपास पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है.जो आसान तो नहीं है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए भी रास्ता बनाया जा सकता है. ओल्ड लिपुपास पर रास्ता बनाने के साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य जरूरी सुविधाएं भी जुटाई जानी हैं. जिसके बाद इस जगह से देशभर के श्रद्धालु पवित्र कैलाश के दर्शन कर सकेंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं. ऐसे में ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती ताल के बेहद करीब से कैलाश पर्वत के दर्शन भी हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह पिथौरागढ़ जिले के साथ ही उत्तराखंड राज्य और पूरे देश के लिए गौरव की बात होगी.

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FIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 20:44 IST

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